Gaganyaan Mission UPSC:
Gaganyaan Mission |
गगनयान मिशन की पहली टेस्ट उड़ान में इसरो क्रू मॉड्यूल को आउटर स्पेस तक भेजेगा, इसके बाद इसे वापस जमीन पर लौटाया जाएगा. उड़ान के दौरान नेविगेशन, सिक्वेंसिंग, टेलिमेट्री, ऊर्जा आदि की जांच की जाएगी. सरल शब्दों में समझें तो मिशन के दौरान रॉकेट में गड़बड़ी होने पर अंदर मौजूद एस्ट्रोनॉट को पृथ्वी पर सुरक्षित लाने वाले सिस्टम की टेस्टिंग की जाएगी.
इसके बाद 17 किलोमीटर की ऊंचाई से अबॉर्ट जैसी सिचुएशन क्रिएट की जाएगी. इसके बाद क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम अलग हो जाएगा. क्रू मॉड्यूल को यहां से लगभग 2 Km दूर ले जाया जाएगा और श्रीहरिकोटा से 10 Km दूर समुद्र में लैंड कराया जाएगा. क्रू मॉड्यूल को समुद्र में स्प्लैश डाउन करते समय उसके पैराशूट खुल जाएंगे. पैराशूट एस्ट्रोनॉट्स (अंतरिक्ष यात्री) की सेफ लैंडिंग में मदद करेगा. यह क्रू मॉड्यूल की स्पीड को कम करेगा, साथ ही उसे स्थिर भी रखेगा. लॉन्च से लेकर क्रू के बंगाल की खाड़ी में उतरने तक करीब 9 मिनट का समय लगेगा. इस बीच वैज्ञानिक ये परीक्षण करेंगे कि अबॉर्ट ट्रैजेक्टरी क्या ठीक तरह से काम कर रही है या नहीं. अगर मिशन के दौरान रॉकेट में कोई खराबी आ जाती है तो एस्ट्रोनॉट( अंतरिक्ष यात्री) कैसे सुरक्षित रूप से लैंड करेंगे. जिसकी निगरानी का ज़िम्मा भारतीय नौ सेना करेंगी।
क्यों ये मिशन है खास
असल में भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान का मकसद साल 2025 तक में होने की संभावना बताई जा रही है. इससे पहले इसरो की ओर से कई परीक्षण किए जा रहे हैं, ताकि गगनयान मिशन में जब इंसानों को भेजा जाए तो उनकी सुरक्षा में कहीं भी चूक की कोई गुंजाइश न रहे और वो पूरी तरह से सुरक्षित रहें. TVD1 से जुड़े उन टेस्ट परीक्षणों की श्रंखला का पहला मिशन है. टीवी-डी1 पहला मिशन पूर्ण होने के बाद अन्य मिशन की शुरुआत होगी। क्योंकि इसकी सफलता अन्य परीक्षणों और मानवरहित मिशनों के लिए मंच तैयार करेगी. बता दें कि इसरो चीफ के शिवन पहले ही बता चुके हैं कि गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट के बाद तीन और टेस्ट फ्लाइट D2, D3 और D4 भेजी जाएंगी. इसके बाद गगनयान मिशन का पहला अनमैन्ड मिशन प्लान किया जा सकता है. अनमैन्ड मिशन में ह्यूमेनॉयड रोबोट यानी बिल्कुल इंसानी शक्ल के रोबोट व्योममित्र को भेजा जाएगा. यानी इसरो वास्तविक मानवयुक्त मिशन से पहले कई परीक्षण करेगा. इसके बाद इंसान को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. इस श्रृंखला का यह पहला परीक्षण हैं। इसके बाद 3 और परीक्षण किए जानें है.
ISRO Gaganyaan Mission |
ISRO Gaganyaan Mission
गगनयान मिशन भारत का पहला मानव युक्त स्पेस मिशन है जो 3 दोनों का होगा. इसमें 3 अंतरिक्ष यात्री का समूह 400 KM ऊपर पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाएगा। इसके बाद क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित रूप से समुद्र में लैंड कराया जाएगा. अगर ये मिशन सफल होता है तो अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत ऐसा करने वाला विश्व का चौथा देश बन जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गगनयान मिशन के लिए करीब 90.23 अरब रुपए का बजट आवंटित किया गया है. परंतु अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई हैं.
गगनयान मिशन( Gaganyaan Mission) की सफलता से होने वाली उपलब्धि
भारत का गगनयान मिशन अगर सफल होता है तो भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में अध्ययन करने और अंतरिक्ष के वातावरण को समझने का मौका मिलेगा. ये मिशन देश को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में देश को तकनीकी विकास में बेहतर दिशा प्रदान करेगा. इसी के साथ हमारे वैज्ञानिकों का लोहा पूरे विश्व में माना जायेगा। इसके अलावा मिशन की सफलता के बाद अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा. आज पूरे विश्व में भारत एक आर्थिक विकास के साथ ही तकनीकी क्षेत्रों में भी अपनी मजबूत स्थिति को हासिल करना चाहता है। हमें गर्व है अपने देश के महान वैज्ञानिक पर जिनके अथक प्रयास एवम परिश्रम के कारण हर परिणाम हमारे पक्ष में आते हुए दिख रहे हैं।
Pm Narendra Modi Twitter on Gaganyaan Mission
Pm Narendra Modi Twitter on Gaganyaan Mission: देश के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने ट्वीट के माध्यम से देश के Gaganyaan Mission के वैज्ञानिकों और समस्त देश वासियों को शुभकामनाएं दीं