राजेन्द्र बाबु से महामहिम
राजेंद्र प्रसाद स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे. 26 जनवरी ,1950 को जब हमारा गणतंत्र लागू हुआ तब डॉ प्रसाद को इस पद से सम्मानित किया गया था. आजादी के बाद बनी पहली सरकार में डॉ राजेन्द्र प्रसाद की सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर खाद्य व कृषि विभाग का काम सौंपा गया. इसके साथ ही इन्हें भारत के संविधान सभा में संविधान निर्माण के लिए अध्यक्ष नियुक्त किया गया. राजेन्द्र प्रसाद गाँधी जी मुख्य शिष्यों में से एक थे, उन्होंने भारत की आजादी के लिए प्राण तक न्योछावर करने की ठान राखी थी. ये स्वतंत्रता सेनानी के रूप में इनका नाम मुख्य रूप से लिया जाता है. राजेन्द्र प्रसाद बिहार के मुख्य नेता थे. नमक तोड़ो आन्दोलन व भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान इन्हें जेल यातनाएं भी सहनी पड़ी. राष्ट्रपति बनने के बाद, प्रसाद जी गैर-पक्षपात व स्वतंत्र रूप से निर्णय लेना चाहते थे, इसलिए उन्होंने कांग्रेस पार्टी से सन्यास ले लिया. प्रसाद जी भारत में शिक्षा के विकास के लिए अधिक जोर देते थे, नेहरु जी की सरकार को उन्होंने कई बार अपनी सलाह भी दी.
डॉ राजेंद्र प्रसाद का जीवन परिचय
नाम | डॉ. राजेंद्र प्रसाद |
जन्म | 3 दिसंबर 1884 |
जन्म स्थान | बिहार के जीरादेई गांव |
मृत्यृ | 28 फरवरी 1963 |
मृत्यृ स्थान | पटना, बिहार |
पिता का नाम | महादेव सहाय |
माता का नाम | कमलेश्नरी देवी |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पत्नी का नाम | राजवंशी देवी |
बच्चे | मृत्यृंजय प्रसाद |
शिक्षा | कोलकाता यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएट, लॉ में पोस्ट ग्रेजुएशन (LLM), एवं लॉ में डॉक्ट्रेट |
पुरस्कार | भारत रत्न |
भाषा | सरल, सुबोध और व्यवहारिक |